THE SMART TRICK OF SIDH KUNJIKA THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

Salutations to the Goddess who may have the form of root chants Who by the chant “Intention” has the form with the creator Who with the chant “Hreem” has the form of one who takes treatment of every thing And who through the chant “Kleem” has the form of enthusiasm

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

You need to make sure you don’t recite it with any sick feelings or with any destructive intentions. 

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों read more में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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